۩۞۩✧※✧¤═¤◎✧※✧◎¤═¤※۩۞۩
मंसा सेवा *☆* के अभ्यास कि आवश्यकता /लक्ष्य एवं उद्देश्य ( स्वयं को, सेवा-साथियों को, सेवा-स्थानों को और बेहद के वातावरण, वायुमंडल को शक्तिशाली और निर्विघ्न बनाने के लिये )
۩۞۩✧※✧¤═¤◎✧※✧◎¤═¤※۩۞۩
➣➣ वाणी द्वारा भी कहाँ तक सेवा करेंगे? कितनों की करेंगे ? अब तो रुहानी वायब्रेशन, अशरीरीपन की स्थिति के वायब्रेशन, न्यारे और प्यारेपन के शक्तिशाली वायब्रेशन वायुमण्डल में फैलाओ । सेवा की तीव्रगति का साधन भी यही हैं । दूसरों की सेवा करने से पहले स्वयं इस विधि में सम्पन्न होंगे तब सेवा की सिद्धि को प्राप्त करेंगे । अब वाणी में आना सहज हो गया हैं और दिल से भी करते हो क्योंकि अभ्यास पक्का हो गया हैं ऐसे यह अभ्यास भी नेचुरल हो जाएगा ; इस नेचुरल अभ्यास से ही नेचर बदली होगी –चाहे मनुष्य आत्माओ की नेचर, चाहे प्रकृति (नेचर ), समझा ॥
( 29-12-89 )
➣➣ तपस्या के वायब्रेशन विश्व में और तीव्रगति से फैआओ । जो सुनाया योग के प्रयोग को और अनुभव की प्रयोगशाला में प्रयोग की गति को बढ़ाओ । वर्तमान समय सर्व आत्माओ को आवश्यकता हैं आपके शक्तिशाली वायब्रेशंस द्वारा वायुमण्डल द्वारा परिवर्तन होने की, इसलिये प्रयोग को और बढ़ाओ ॥
( 26-10-91 ) ✶ ओम शांति ✶